“Her” – 2013 में Spike Jonze के निर्देशिन में बनी इस फ़िल्म को 86th Academy Awards में Best Original Screenplay का अवार्ड मिला और 2016 में इसे 84th greatest film since 2000 का दर्जा दिया गया 177 फ़िल्म critics के द्वारा।
इस फ़िल्म में Joaquin Phoenix ने Theodore Twombly का मुख्य किरदार निभाया है और उनके साथ फ़िल्म में Scarlett Johanson(जो दूसरे मुख्य किरदार की आवाज़ बनी), Amy Adams, Rooney Mara, Chris Pratt, Olivia Wilde भी थे।
फ़िल्म की कहानी निकट भविष्य के Los Angeles शहर में रहने वाले Theodore Twombly के बारे में है जो कि एक writer है और अकेला रहता है। उसका एक Operating System(Samantha) से बहुत ही करीबी रिश्ता बन जाता है और देखते ही देखते वो प्यार कर बैठते हैं।
फ़िल्म इंसान के अकेलेपन और रिश्तों को, इन दोनों के बीच की जटिलताओं को एक नए ही ढँग से टटोलती है। मतलब फ़िल्म के पहले ही 10 मिनट में आप देखोगे की हर तरफ कितना अकेलापन बिखरा पड़ा है, हर एक scene में। Theodore जिस जगह काम करता है उस company से लोग खत लिखवाते हैं अपने प्रियजनों के लिए। खत में क्या लिखना है वो सब लिखने वाला कर्मचारी ही अपने मन से सोचकर लिखता है और जब आप यह देखते हो तो एहसास होता है एक गहरे खालीपन का! लोग इतने खाली और अकेले हैं कि वो अपने खत भी दूसरों से लिखवाते हैं और जो खत लिखने वाले होते हैं वो खुद इन खतों के ज़रिए अपने खालीपन की टोकरी को भर रहे होते हैं। किसी एक का खालीपन किसी दूसरे के खालीपन का पूरक बन जाता है।
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इस फ़िल्म से एक चीज़ मैंने यह समझी की जब इंसान अपने जीवन को भर लेता है हर तरह के आराम और सुविधा से, जब उसे कुछ भी खुद से करने की ज़रूरत नहीं पड़ती तब उसमें एक अलग प्रकार की भूख जाग उठती है, भूख intimacy की, human touch को महसूस करने की और अपने अकेलेपन की टोकरी को भरने की।
तो बस Theodore भी यही करता है बाकी सभी लोगों की तरह, अपने अकेलेपन की टोकरी को भरने के प्रयास में वो Samantha से प्रेम कर बैठता है।
एक समय पर मुझे अचानक एहसास हुआ कि यह फ़िल्म तो अकेलेपन का जैसे एक महोत्सव सा मनाती है। Theodore जो फ़िल्म के ज़्यादातर scenes में अकेला ही दिखता है, वो Samantha के आने से पहले भी अकेला ही रहता था पर तब वो बहुत दुखी रहता था और Samantha के आने के बाद भी वो अकेला ही रहता है पर अब वो नाचता है, गाता है, हँसता है, घूमता है, बातें करता है और खुद को अकेला नहीं महसूस करता क्यूँकि अब वो Samantha को जी रहा होता है। और फ़िर एक scene आता है जिसमें एक आदमी अकेला नाच रहा होता है उसके सामने और वो उसे देखता रहता है।
फ़िर कुछ सवाल आते हैं- दो लोगों के बीच का रिश्ता किस चीज़ का बना होता है? क्या वो सिर्फ़ उन दोनों के होने से बना होता है? और किसी का होना ना होना, वो किस चीज़ से बना होता है? आपको कैसे पता चलता है कि किसी का अस्तित्व है या नहीं, या उसके अस्तित्व के क्या मायने है? एक रिश्ता में क्या ठोस(real) होता है और क्या नहीं? असल में यह ठोस (real) होता क्या है? क्या जो ठोस(real) होता है वो सिर्फ़ शरीर का होना ही होता है और बाकी किसी चीज़ का नही?
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दो लोगों के बीच की जगह, वो कहाँ कहाँ भरी हुई होती है और कहाँ कहाँ खाली? ठीक ठीक कहाँ उसमें शब्द होते हैं और कहाँ उन शब्दों के बीच का खालीपन, उनके बीच का मौन होता है? अच्छा, वो दो लोग क्या हमेशा सिर्फ़ शब्दों के इर्द गिर्द ही घूमते हैं या कभी कभी उनके बीच के खालीपन और मौन में भी जाते हैं? अगर दोनों में से कोई एक उस मौन में चला जाये और दूसरा ना जा पाए तो क्या होता है? और हाँ, जो लोग चले जाते हैं क्या वो सच में चले जाते हैं? उन्हें जाने देना कितना मुश्किल होगा– यह ठीक ठीक कब महसूस होता है किसी को?
और अकेलापन–वो क्या होता है? किस चीज़ का बना होता है? अकेलापन कब सबसे ज़्यादा महसूस होता है –अकेले होने पर या लोगों के इर्द गिर्द होने पर? ठीक ठीक वो कौन सा पल होता है जब हम हमारे अकेलेपन में किसी और को ले आते हैं और अकेलापन होते हुए भी फ़िर वो अकेले होने जैसा नहीं लगता? और फ़िर इतना सब होने के बाद कब वो–जिसे हमने हमारे अकेलेपन का साथी बनाया था– ठोस(real) लगने लगता है या कब हमें लगता है कि जो चला आया था वो ठोस(real) नहीं था?
अब बात करें एक्टिंग की तो सबसे पहले एक्टिंग में– Joaquin Phoenix– इनको आप Joker के नाम से ज़्यादा पहचानते होंगे। फ़िल्म के पहले scene में इनके चहरे का close-up होता है, यह कुछ बोल रहे होते हैं और सामने होते हैं सिर्फ़ इनके expressions. एक बहुत subtle सी मुस्कान आती है इनके चेहरे पर और लगता है कि ना जाने कितना कुछ कह दिया इन्होंने उस एक smile से। पूरी फ़िल्म में मैंने नोटिस करा, इन्होंने सबसे ज़्यादा अपने होंठ और आँख के आस पास की muscles का इस्तेमाल करा और अब क्या ही कहूँ– बस बहुत सच्चे लगे यह उस किरदार में। अब बात करते हैं Scarlett Johanson की, इन्होंने Samantha का किरदार निभाया है और सिर्फ़ अपनी voice से acting करी है। इनकी आवाज़ इतनी सुंदर है और हर एक साँस के साथ एक-एक भाव को जीवित कर देती है। अब एक और अदाकारा की बात करते हैं– Amy Adams – इन्होंने Theodore की दोस्त Amy का किरदार निभाया और फ़िर मेरा दिल चुरा ले गईं अपनी acting से।
फ़िल्म का craft बहुत अच्छा है, हर तरफ़ से यह दिखाने की कोशिश की गयी है लोग materialistic रूप से सम्पन्न है। एक scene आता है जिसमें lift में जाते वक्त उसकी दीवारों पर पेड़ की छाया पीछे से display होती है और एहसास होता है कि यह प्रकृति के होने का एहसास देने की कितनी छिछली कोशिश थी इंसानों की।
सबसे बड़ी irony जो फ़िल्म में दिखती है वो ये की सब लोग अपने अकेलेपन की टोकरी को भरने के लिए Operating Systems का सहारा लेते हैं और यह देखकर बार बार मन चीखता है कि एक दूसरे का साथ क्यूँ नहीं देते तुम। फ़िल्म अंत में दुःखी होते हुए भी एक positive note पर खतम होती है। अंत में Theodore पहली बार खुद एक लेटर लिखता है अपनी ex-wife को और वो सब कहता है जो वो कभी कह नहीं पाया। फ़िर अपनी दोस्त Amy के साथ जाकर एक ऊँची building पर बैठ जाता है और दोनों एक दूसरे को सहारा देते हैं।
तो अगर कुछ बहुत सुंदर और नया देखना हो तो यह देखो, इसमें थोड़े थोड़े हम सब मिलेंगे एक दूसरे को।दो लोगों के बीच की जगह, वो कहाँ कहाँ भरी हुई होती है और कहाँ कहाँ खाली? ठीक ठीक कहाँ उसमें शब्द होते हैं और कहाँ उन शब्दों के बीच का खालीपन, उनके बीच का मौन होता है? अच्छा, वो दो लोग क्या हमेशा सिर्फ़ शब्दों के इर्द गिर्द ही घूमते हैं या कभी कभी उनके बीच के खालीपन और मौन में भी जाते हैं? अगर दोनों में से कोई एक उस मौन में चला जाये और दूसरा ना जा पाए तो क्या होता है? और हाँ, जो लोग चले जाते हैं क्या वो सच में चले जाते हैं? उन्हें जाने देना कितना मुश्किल होगा– यह ठीक ठीक कब महसूस होता है किसी को?
तो अगर कुछ बहुत सुंदर और नया देखना हो तो यह देखो, इसमें थोड़े थोड़े हम सब मिलेंगे एक दूसरे को।
अंत…
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“मुझे शब्द बहुत पसंद हैं।” –
Bio माँगा तो कहा कि बस इतना ही लिख दो। छोटा, सटीक और सरल। Instagram bio में खुद को किताबी कीड़ा बताती हैं और वहाँ पर किताबों के बारे मे लिखती हैं। इनको आप Medium पर भी पढ़ सकते हैं।
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