Okay. This is a brilliant piece of work. कोई नाटक किसी समय की सोच और उस से जुड़े सवाल इतने पारदर्शी और सुंदर ढंग से कह सकता है, मैंने सोचा नहीं था। इसको पढ़ने के बाद अच्छे से समझ में आता है कि क्यूँ Charles Fuller को इस नाटक के लिए Pulitzer Prize मिला होगा।
कहानी बहुत सिम्पल है – सेकंड वर्ल्ड वार के समय अमेरिकन आर्मी में एक ब्लैक अफ्रीकी अमेरिकन कप्तान का कत्ल हो जाता है। उसकी जांच करने वाला भी एक ब्लैक अफ्रीकी अमेरिकन ही होता है। और उस इन्वेस्टगैशन में जो चीज़े सामने आती हैं वो चीज़े देखकर कब कुछ बुनियादी सवाल मेरे पास आकर बैठ गए, मुझे पता ही नहीं चला। नाटक पढ़ने के बाद मालूम हुआ – अरे कुछ सवालों के साथ घूम रहा हूँ।
उस समय की सोच अफ्रीकी अमेरिकन्स को लेकर, अफ्रीकी अमेरिकी लोगों की सोच खुदको लेकर इतने अच्छे ढंग से लिखी है कि सारी चीजें मेरे सामने चलने लगीं। और नाटक की परिकल्पना (design) – गजब।
हम क्यूँ इतना relate कर सकते हैं क्यूंकि हमारे यहाँ, यानि India में रेस और कास्ट शुरुआत से रहा है। तो कुछ सवाल मैं खुद से ही पूछने लगा।
बहुत कम ऐसा होता है कि कोई नाटक इतना झिंझोड़ के रख देता है – वो भी सिर्फ अपने dialogues के through. कब नाटक पढ़ते- पढ़ते सवाल मेरे जहन में आकर बैठ गए और फिर मेरी सोच का हिस्सा बन गए, पता ही नहीं चल है और यही खूबी है इस नाटक की।
कुछ अच्छा पढ़ना है – तो इसे पढिए।
नाटक अगर खोजेंगे तो Google पर मिल जाएंगे।
और हाँ, जो लोग Samuel S. Jackson को जानते हैं तो उनके लिए Trivia. इस नाटक के पहले Production में उन्होंने Hensen का character निभाया था और जब इस पर movie बनी और उन्हें छोड़कर बाकी दो लोगों को cast कर लिया गया तो वो बहुत दुखी हुए थे।
मूवी का नाम है – A Soldier’s Story.
For buying the book- A Soldier’s Play
बिखेरने की आज़ादी और समेटने का सुख – लिखने की इससे बेहतर परिभाषा की खोज में निकला एक व्यक्ति। अभिनय से थककर शब्दों के बीच सोने के लिए अलसाया आदमी।
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