क्रिक पांडा पों पों पों कहानियों का संकलन है। इसके लेखक ऋषभ प्रतिपक्ष हैं। कहानियाँ सामाजिक कटाक्ष और metaphors का बखूबी इस्तेमाल करती हैं और सहूलियत के कह सकते हैं कि magical realism को हिन्दी में नए सिरे से परिभाषित करती हैं।
कुछ किताबें होती हैं ना जो दिमाग में विस्फोट करती हैं। और ऐसा विस्फोट जिसकी गूंज बहुत दिनों तक, नहीं, बहुत दिनों तक नहीं, जीवन भर पीछा नहीं छोड़ेंगी। इसके बाद दुनिया कभी सामान्य नहीं रहती। जिन कहानियों को पढ़ा है और उसके जरिए जो संसार दिखाया गया है वो संसार अब चिपका रहेगा। शायद यही किताब की खूबसूरती है और उस लेखक के लेखन की।
Aphorisms by Kafka | Truth Bombs!
दिमाग में विस्फोट इस बात का हुआ कि मैजिकल realism से political और सोशल satire मारा जा सकता है। खासकर Kafka की शैली में। गजब कहानियां। पहली कहानी है गांधी। और उसे पढ़ के जो विस्फोट हुए हैं।
तीन timeline को एक metaphor में समेटकर बात कह देना। गांधी, बरसात में सफेद क्रॉस पर टंगे हैं और एक लड़का भीड़ से निकल के 2012 की फिल्म का स्लैंग मारता है। ये पहला paragraph है और पता चलता है कि ये आदमी कुछ अलग लिख रहा है। इस एक कहानी में बीते सालों में जितने नारे लगे, विवाद हुए, उनको एक अलग ही perspective से देखा है, जो लगता है कि हंसी मजाक हो रहा है पर असल में बहुत पीड़ा देगा। गांधी के दाहिने हाथ में कील लगने पर एक लड़का कान में कहता है – बोलो भारत माता की जय। गांधी कमजोर आवाज़ में कहते हैं – भात दे दो। जवाब आता है – आधार लिंक है क्या। (बाकी आप समझो। कहीं तो लगा होगा जाके।) गांधी के हाथों पैरों में कील लगने पर उन्हें सामने पेड़ों से लटकी लाशें दिखती हैं – जिनकी कमर में खुरपी फावड़ा टंगा है। (बाकी आप समझो।)
एक कहानी में इतना कुछ समेटा है ऋषभ प्रतिपक्ष ने की लगता है ये कुछ अलग स्तर है। और इतना लुभावना है कि…
अगली कहानी में एक लड़की है जो कैसे गैंगरेप वाली मैया बनती है। फिर से metaphor का use करके inner psychology के साथ जो आस पास बीतता है उसे दिखाया है। किसी लड़की का रेप होने पर कैसे आस पास के बच्चे जोंक बन जाते हैं, घरवाले छिपकली, बाहर वाले लोग – मरी गाय खाकर मुंह पर थूक लगाए आवारा कुत्ते और वो लड़की खुद कैसे गैंगरेप की देवी बन जाती है। इसे पढ़ना।
एक कहानी है माफी – एक औरत जिसने beef के मामले में अपने बेटे का मारा जाना देखा है। और वो उस गलती के लिए सबसे माफी मांगती है। चौराहे पर खड़ी होकर। इसमें एक पात्र है जो इतना प्यासा होता है कि अपना खून चाट लेता है। अब थोड़ा दूर से देखो तो – अगर भीड़ प्यासी है अपने हिस्से के बदले के लिए तो खून किसी का भी गिरे – अपना, दूसरे का ,तीसरे का, क्या फर्क पड़ता है… प्यास बड़ी चीज है। बुझाओ। और उसकी माफी?? चौराहे पर बहुत लोग मिल जाएंगे माफी मांगते। हम उन्हें बस पागल करार देंगे।
एक कहानी है जिसमें एक बूढ़े ने अपनी जवानी के दिन में मस्जिद गिराई थी और अब उसका बदला लेने एक जवान बूढ़े के पास आया है। ना ना, ये मत समझना कि ये डार्क है। बहुत humorous तरीके से लिखा है पर इशारा… अहम। बूढ़ा badman the good और badman the bad से घिरा पड़ा है जिनके लिए बूढ़ा कभी पैगम्बर था पर आज सिर्फ एक पुरानी मस्जिद रह गया है जिसे ढहा देना बाकी है। और बाकी… पढ़ो।
फिर एक कतई लाजवाब कहानी है जिस पर किताब का नाम रखा गया है। Caste system पर ऐसे हल्के हल्के तंज हैं कि हंसने के बीच ध्यान ही नहीं आएगा। पढ़ने के बाद आएगा कि अच्छा ये भी था। शुरुआत की लाइन – मिथुन कुमार मिठास, सहायक शोषण अधिकारी, मिनिस्ट्री ऑफ चिलांगोंजाई एंड लड़चटई। तीन दोस्तों की कहानी। बस। गुदगुदाती, हल्के से दिमाग पर चोट करती और छाप छोड़ती।
एक डीएम की कहानी है जो सपने बहुत देखता है और एक गांव की पानी की समस्या सुलझाने में सांसद और मंत्री को ऐसा फंसाता है कि खुद गृह मंत्री बन जाता है। मंत्री बाथरूम से बाहर नहीं आ सकते क्योंकि राजधानी में पानी का संकट है और गांव में तो खैर शराब के टैंकर आ गए हैं। Juxtaposition of 3 different but interrelated topics to present the stark reality of the system. (हिंदी में कहने में असमर्थ हूं। माफी)
पता सबसे खास क्या है – कैसे प्रचलित कहानियों का सहारा लेकर नई कहानी कहना जिससे आप दो चीज़ें एक साथ experience करते हैं। जैसे कि एक कहानी है जिसमें विष्णु भगवान के 9 अवतारों के base से एक प्रेमी की कहानी बताई है जो कैसे हर अवतार के according act करता है और एंड में कलंकी अवतार लेता है।
एक कहानी है एक जवान की जो बस सोना चाहता है। पर मंत्री की रैली है। उसके बीच मे मुद्दा है जवानों के लिए कुछ करने का जिसके अंत में जवान को ही मार डालते हैं। (Yes, it was a spoiler. Alerting now!!)
बाकी और भी हैं। पर ये कुछ हैं जिन्हें दो से ज्यादा बार पढ़ लिया। कारण?? Metaphors. Humour to deliver the exact point or situation. Kafka का इतना सुंदर असर हिंदी साहित्य में दूसरी बार पढ़ रहा हूं। Self conflict, magical realism, और एक सिस्टम के metaphor के जरिए reality की तरफ point out करना. दिमाग में विस्फोट हुए हैं। ये किताब पढ़ो। इसके बारे में बात करो। ना समझ आए तो ऑनलाइन आके पूछो, समझने की चाभी सामने पड़ी है बस चश्मा बदलने की जरूरत है।
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बिखेरने की आज़ादी और समेटने का सुख – लिखने की इससे बेहतर परिभाषा की खोज में निकला एक व्यक्ति। अभिनय से थककर शब्दों के बीच सोने के लिए अलसाया आदमी।
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