Firaq Gorakhpuri Top Quotes | EkChaupal
इस गुंडा समय में न मैं लाठी होना चाहता हूँ
न चाकू न पिस्तौल
इस गुंडा समय में मैं अपने समय का
एक गुंडा नहीं होना चाहता हूँ
इस गुंडा समय में न मैं लाठी होना चाहता हूँ
न चाकू न पिस्तौल
इस गुंडा समय में मैं अपने समय का
एक गुंडा नहीं होना चाहता हूँ
लोग या तो कृपा करते हैं या खुशामद करते हैं
लोग या तो ईर्ष्या करते हैं या चुगली खाते हैं
लोग या तो शिष्टाचार करते हैं या खिसियाते हैं
लोग या तो पश्चात्ताप करते हैं या घिघियाते हैं
न कोई तारीफ़ करता है न कोई बुराई करता है
न कोई हँसता है न कोई रोता है
न कोई प्यार करता है न कोई नफरत
लोग या तो दया करते हैं या घमण्ड
दुनिया एक फँफुदियायी हुई-चीज़ हो गयी है।
Piyush Mishra जी को सभी जानते हैं। जिन्होंने भी गुलाल और Gangs of Wasseypur देखी है वो जानते होंगे। वो बहुत ही उम्दा अभिनेता और लेखक हैं। खासकर कविता और गीतों के। उनके गीत आपने जरूर भूले बिसरे गुनगुनाएँ होंगे। चाहें वो आरंभ हो प्रचंड हो या एक बगल में चाँद होगा, एक बगल में…
उसने मेरी आँखों में छिपी वह गहरी दरार देख ली और अंदर प्रवेश कर गई।
– कविता – युवा खुशबू