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Dahli – Lallantop’s Documentary is Beyond The Statistics

Dahli - Documentary Beyond Statistics

कुंवर नारायण जी की एक कविता है – हम आंकड़े नहीं आदमी हैं। उसकी कुछ पंक्तियां हैं –

अचानक मुझे लगा
ख़तरों से सावधान कराते की संकेत-चिह्न में
बदल गई थी डाक्टर की सूरत
और मैं आँकड़ों का काटा
चीख़ता चला जा रहा था
कि हम आँकड़े नहीं आदमी हैं।

अब पूछो ये क्यों? तो ऐसा कि बीते सालों हम आंकड़ों में बहुत जिए हैं। जब फरवरी में दिल्ली में दंगे हो रहे थे उस समय हम जो घर के भीतर सुरक्षित थे – तब भी हम आंकड़ों के बारे में बात कर रहे थे। कौन कितना है? किसको देखने कितने लोग उपस्थित हैं? कितने साल किस चीज़ को बीत गए? कितने मरे हैं? कितने जिंदा हैं? कितनों ने कितना कितना किया है? ऐसे तमाम सवाल। और फिर कोरोना आ गया और हम आंकड़ों के भंवर में खो गए।

वो जो बीता था वो वहीं का वहीं है। अपनी पूरे असर के साथ। हम आंखें मोड़ लें पर वो पीछे हमें पुकारता खड़ा रहेगा। जो हुआ उसका असर कितना रहेगा वो तो वक्त बताएगा पर पलटकर देखना जरूरी है ना – कि आंकड़ों से परे हुआ क्या था?

तो ये एक डॉक्यूमेंट्री है – दहली। लल्लनटॉप की है और 2020 के दिल्ली के दंगो पर है। आंकड़ों से पीछे क्या बीता है उसकी कहानी है। किसी का पक्ष नहीं लिया है। बस फैक्ट्स बताए हैं। अब जब subjectively हम involve हैं नहीं तो objectively देखने पर बहुत चीजें साफ दिखेंगी। अगर हम देखना चाहेंगे। इसे देखते देखते ही ऊपर कविता की याद आई। कुछ बातें घर रह गई जो कि डॉक्यूमेंट्री में थी –

– एक प्रभावित area में सामान जलाया गया। इस area के लोगों ने अपने को बचाने के लिए उसी जले सामान से बैरिकेड बनाया।
– एक आदमी अपने घरवालों के लिए दूध लेने निकला था। वापस नहीं आया। उसके पिता अब मुस्कुराते हैं पर सवालिया नजरों से कहते हैं कि हुआ क्या समझ नहीं आया?
– एक आदमी का 11 दिन पहले ब्याह हुआ था। किसी काम से ऑफिस जा रहा था और वापस नहीं आया।
– एक आदमी गांव से शहर वापस लौटता है। सामने जानने वाला होता है। वो कहता है ये तो मुझे जानता है इतने सालों से। अच्छे दोस्त हैं। और वो आदमी उसकी आंख में गोली मार देता है।

और तमाम चीजें। कुछ झिंझोड़ने वाली। कुछ सोचने वाली। कुछ ऐसे सिरे जो सामने होते हुए भी नहीं दिखे थे। कुछ बातें जो पता ही नहीं था। हम कैसा भविष्य बनाएंगे ये इस बात पर काफी निर्भर करता है कि हम अपने इतिहास को कैसे देखते और समझते हैं। तो जरा ये डॉक्यूमेंट्री देखो। Youtube पर है। फ्री है। एक घंटे की है। और हमारे हिसाब से जरूरी है कुछ बातें समझने के लिए।

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