Her | Irony of Loneliness
“Her” – 2013 में Spike Jonze के निर्देशिन में बनी इस फ़िल्म को 86th Academy Awards में Best Original Screenplay का अवार्ड मिला और 2016 में इसे 84th greatest film since 2000 का दर्जा दिया गया 177 फ़िल्म critics के द्वारा।
“Her” – 2013 में Spike Jonze के निर्देशिन में बनी इस फ़िल्म को 86th Academy Awards में Best Original Screenplay का अवार्ड मिला और 2016 में इसे 84th greatest film since 2000 का दर्जा दिया गया 177 फ़िल्म critics के द्वारा।
We study history not to know the future but to widen our horizons, to understand that our present situation is neither natural nor inevitable and that we consequently have many more possibilities before us than we imagine.
So I learned that even after a single day’s experience of the outside world a man could easily live a hundred years in prison. He’d have laid up enough memories never to be bored.
Most great poetry is like that. If the words can’t create a prophetic tunnel connecting them to the reader, then the whole thing no longer functions as a poem.
चुप्पी का सबसे सुंदर रूप सोचो : फिर सोचो कुछ उससे भी ज्यादा सुंदर : सोचो, हर व्यक्ति सवालों के घेरे में लड़कर जीता है : जानो, चक्रव्यूह में फंसा अभिमन्यु सिर्फ महाभारत में ही नहीं होता: हर कोई अभिमन्यु है अपने जीवन का : ईश्वर रणभूमि में होकर भी तुम्हारे युद्ध में हस्तछेप नहीं करते : वो बस देखते हैं तुम्हारी कर्मठता और तुम्हारे चुनाव।
To all mankind they were addressed, those cries for help still ringing in our ears! But at this place, at this moment of time, all mankind is us, whether we like it or not. Let us make the most of it, before it is too late!
“The argument goes something like this: ‘I refuse to prove that I exist,’ says God, ‘for proof denies faith, and without faith I am nothing.'”
“‘But,’ says Man, ‘The Babel fish is a dead giveaway, isn’t it? It could not have evolved by chance. It proves you exist, and so, therefore, by your own arguments, you don’t. QED.'”
“‘Oh dear,’ says God, ‘I hadn’t thought of that,’ and promptly vanished in a puff of logic.”
कहीं जाने के लिए टिकट का होना जरूरी है; वह एक तरह का सिग्नल है जैसे घड़ी का होना, डायरी का होना, कैलंडर का होना – वरना एक रात हमेशा के लिए एक रात रहेगी, एक शहर हमेशा के लिए एक शहर, एक मृत्यु हमेशा के लिए एक मृत्यु;
बहुत सुंदर और बहुत जरूरी फिल्म है – भोंसले। शुरुआत में धीमी लग सकती है अगर ऐसे सिनेमा की आदत नहीं है पर तब भी प्लीज देखो- ये फिल्म आने वाले सालों में जो भीतर कुरेदेगी वो बेहद जरूरी है। और हाँ फिल्म देखते हुए घुटन महसूस होगी क्यूंकि director ने cinematography का use intentionally वैसा किया है।
लोग या तो कृपा करते हैं या खुशामद करते हैं
लोग या तो ईर्ष्या करते हैं या चुगली खाते हैं
लोग या तो शिष्टाचार करते हैं या खिसियाते हैं
लोग या तो पश्चात्ताप करते हैं या घिघियाते हैं
न कोई तारीफ़ करता है न कोई बुराई करता है
न कोई हँसता है न कोई रोता है
न कोई प्यार करता है न कोई नफरत
लोग या तो दया करते हैं या घमण्ड
दुनिया एक फँफुदियायी हुई-चीज़ हो गयी है।