कुछ फिल्में होती हैं जो अपना काम बहुत बखूबी करती हैं – एक तो entertain करना और दूसरा कुछ ऐसा कह जाना जिसके बारे में आप बहुत देर तक, यहाँ तक कि दिनों तक सोचते रहो। Paths of Glory उन्हीं फिल्म्स में आती है।
Entertain करने के लिए क्या चाहिए – कहानी अच्छी हो, acting अच्छी हो, engaging हो और music अच्छा हो। और कुछ कह जाए के लिए जरूरी है कि director कुछ ऐसे दिखाए कि मूवी के dialogues और visuals हिट करें।
इन दोनों बातों का perfect combo मिलता है Paths of Glory (trailer) में। Paths of Glory आई थी 1957 में और ये technically Stanley Kubrick की दूसरी बड़ी feature फिल्म थी। Stanley Kubrick वही हैं जिन्होंने 2001: A Space Odyssey बनाई थी जिसके बारे में हमने पहले लिखा था।
Read: 2001: A Space Odyssey | Why it is a must watch?
तो Paths of Glory में ऐसा क्या है?
फिल्म को Anti-war genre में रखा जाता है यानि कि war के negative sides दिखाएगी – पर असल में ऐसा नहीं है।
कहानी है 1916 में पहले world war की जब फ़्रांस और जर्मनी के बीच वार चल रहा है और उन्हे के बीच के हिस्से पर कहानी बनी है। आर्मी के एक बड़े टुकड़े को आदेश मिलता है कि उन्हे दो दिन के भीतर एक पोस्ट है जिसका नाम है – Ant Hill (ये नाम अपने आप में एक क्लू है जो movie देखकर ही समझ आएगा) उस पर कब्जा करना है।
जो कर्नल होता है वो अपने ऊपर वाले officer को बताता है कि इतने लोग नहीं हैं हमारे पास और ना ही resources हैं लेकिन कोई नहीं सुनता। खैर, अगली सुबह शुरू होती है चढ़ाई लेकिन fail हो जाती है। अपने आस पास इतने लोगों को मरता देख सिपाही एक गड्ढे में रुक जाते हैं और आगे नहीं बढ़ते।
अब higher officer हो जाते हैं गुस्सा। वो कहते हैं कि court martial होगा, क्यूंकि उनके हुक्म की नाफरमानी की गई है और इससे example सेट होगा जिससे आगे कोई सेना की टुकड़ी ऐसा ना करे।
जो कर्नल होता है वो इस कोर्ट मार्शल को रोकने की कोशिश करता है क्यूंकि उसके लोगों में से 3 random लोगों को चुन लिया जाता है जिनकी कोई गलती नहीं होती है।
ये तो है बड़ा plot लेकिन इसके बीच दो तीन छोटी छोटी लेकिन बहुत ग़ज़ब की कहानी छुपी हैं जो आपको war के एक अजीब ही साइड को दिखायेंगी। फिल्म की खूबसूरती एक तो 1957 के हिसाब से war फील्ड को दिखाना है और दूसरा – dialogues और crisp screenplay.
देखते समय dialogues के flow पर जरूर ध्यान देना क्यूकि बहुत subtle humor छिपा है जो हँसाएगा तो लेकिन तुरंत अहसास दिलाएगा कि अरे यार! यही तो होता है।
अगर war फिल्म सोचकर imagine करो कि war scenes होंगे तो वो गलत है। war के scenes हैं 20 मिनट लेकिन बाकी का ड्रामा इतना fast paced है कि आपको आगे क्या होगा के लिए उकसाए रखेगा।
कुछ अलग और अच्छा देखना है जो खूब entertain करे तो Paths of Glory देखिए। फिर बताईए कैसी लगी।
Also: Barry Lyndon – Painting in Every Frame | Stanley Kubrick
Also: Whiplash: An Inspiring Film You Must Watch Every Year
बिखेरने की आज़ादी और समेटने का सुख – लिखने की इससे बेहतर परिभाषा की खोज में निकला एक व्यक्ति। अभिनय से थककर शब्दों के बीच सोने के लिए अलसाया आदमी।
Leave a Reply