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If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

If On a winter's night a traveler | Italo Calvino

If on a winter’s night a traveler, इटली के Nobel laureate लेखक Italo Calvino का उपन्यास है। ये 1979 में प्रकाशित हुआ था। उपन्यास का English में अनुवाद William Weaver ने किया है। नीचे लिखा विवरण उपन्यास की यात्रा की कहानी है।

घर की सुरक्षा खोने का डर मजबूर करता है कि घर से ही एक नयी यात्रा शुरू की जाए। उस यात्रा में गर्मी की तलाश मे किताब शुरू कर रहा हूँ।

कोई मेरा किताब तक पहुँचना, मेरा उसे पढ़ने का कारण, मेरी आदतें अपने लिखे में पढ़ रहा है।

Independently of what you expected of the author, it’s the book in itself that arouses your curiosity; in fact, on sober reflection, you prefer it this way, confronting something and not quite knowing yet what it is.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

पहला chapter या उसके जैसा कुछ। Calvino मुझे पढ़ रहे हैं! शब्दश:। वो मेरी उनके शब्दों तक पहुँचने की यात्रा को लिख रहे हैं। उन्होने मुझे देख लिया है पढ़ते हुए और फिर मेरी पढ़ने के कारण की हर संभावना को खोलकर मेरे ही सामने रख दिया है। अभी तक लगता था कि मैं किताब को लेखक के पीठ पीछे पढ़ रहा हूँ। पर Calvino मेरी आँखों मे झांक रहे है जब मैं उन्हें पढ़ रहा हूँ। ये एक तरह का रोमांच और असहजता दोनों लेकर आता है।

यात्रा के शुरू में यात्रा के शुरू होने का signboard. क्या मैं इसे बहुत देर तक छु सकता हूँ? लालच। हाँ। मैं Calvino से ज्यादा चालाक होने पर हँसता हूँ।

The novel begins in a railway station, a locomotive huffs, steam from a piston covers the opening of the chapter, a cloud of smoke hides part of the first paragraph.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

सारा कुछ इतना असाधारण था कि साधारण की पहली झलक पर ही मेरी सांस सरल होकर अपनी धुरी पर चलने लगी। Calvino या फिर पात्र का मैं कहकर दिख जाना कितना अहम है- ये आज जाना है। इतने सारे शोर में एक आवाज़ का सिरा मिला है। थोड़ा अच्छा लग रहा है।

The lights of the station and the sentences you are reading seem to have the job of dissolving more than of indicating the things that surface from a veil of darkness and fog.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

ये मैं पढ़ रहा हूँ या Calvino मेरा पढ़ना लिख रहे हैं? या शायद वो मेरा इसे बुदबुदाना सुन रहे हैं। क्या ये एक जादूगर की चालाकी है?

A novel that talks about trains and stations cannot help conveying this odor of smoke. For a couple of pages now you have been reading on, and this would the time to tell you clearly whether this station where I got off is a station of the past or a station of today; instead the sentences continue to move in vagueness, grayness, in a kind of no man’s land of experience reduced to the lowest common denominator. Watch out: it is surely a method of involving you gradually, capturing you in a story before you realize it- a trap.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

क्या मैं एक जाल में फंस रहा हूँ? कैद करने वाला मुझे पहले ही बता रहा है कि ये एक जाल है। और वो? वो क्या कर रहा है? ये कैसी समझदारी भरी चालाकी है?

The more I seek to return to the zero moment from which I set out, the further I move away from it.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

Calvino को पढ़ना पानी में गहरा गोता लगाना है। जितनी लंबी सांस उतना ज्यादा भीतर दिखेगा। ऊपर आने पर गहरी सांस लेने की इच्छा जिससे पहले से भी ज्यादा भीतर जा सकूँ।

All places communicate instanlty with all other places, a sense of isolation is felt only during the trip between one place and the other, that is, when you are in no place.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

There is a veil of other images that settles on her image and blurs it, a weight of memories that keep me from seeing her as a person seen for the first time.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

I am the I of the present.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

मैं बहुत देर तक भीतर सांस बांध कर बैठा था। अंदर सब एक अलग दुनिया में था। जो हूबहू मेरी दुनिया थी पर उससे अलग। तुम पढ़ते हुए सोचोगे की मैं पढ़ रहा हूँ या लिख रहा हूँ पर ये बार बार डुबकी लगाना मुझसे करवाया जा रहा है।

उफ़्फ़ एक गहरी सांस। मैंने इसे अकेले पढ्न शुरू किया था। मेरे साथ किताब ने खुदकों। या फिर जो भी किताब के भीतर है। अब हम तीन हैं। मैं उसे मुसकुराते हुए देख सकता हूँ कहानी से बाहर तीसरे के मिलने पर। मेरी मुस्कुराहट में तुम मुस्कुरा रहे हो। कैसे दूर होता है पढ़ने का अकेलापन? किताब खुद के साथ पढ़ती है खुदकों।

शायद समझ आ रहा है। पर मेरे साथ 40 page में इतना धोखा हुआ है। सुनहरा धोखा। खुशी पढ़ो मेरी। तुम भी मुसकुराते हो और धोखे की उम्मीद से मैं डर जाता हूँ। ये कहानी एक Reader के बारे में है जो कहानी पढ़ रहा है। पर कहीं ये भी धोखा हुआ तो? तुम मेरे डरने पर आगे पढ़ते हो…

हा हा हा। कहानी में उसे धोखा मिलने पर तुम हँसते हो कि मैं अकेला नहीं हूँ। … और मुस्कान झट से चहरे से गायब होती है। तुम खुश हो सकते हो कि एक अजीब शक के साथ मैं आगे पढ़ता हूँ…

It is there very distance that keeps them together.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

The problem is that everybody wants problem to be debated in novel. Citing this as a problem Calvino is contradicting, parodying or laughing?

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तुम समझोगे अगर मैं कहूँ कि तुम एक mystery novel के ऊपर लिखा experience लिखा जाना पढ़ रहे हो। जो बात मुझे ठीक अभी पता चली है!

There are days when everything I see seems to me charged with meaning : messages it would be difficult for me to communicate to others, define, translate into words, but which for this very reason appear to me decisive.

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ज्यादा समय नहीं हुआ है पर तुम मेरा पैर फैलाने का विवरण पढ़कर बोर महसूस करते हो और मैं उपन्यास आगे पढ़ता हूँ। मुझे इतनी बार धोखा मिल चुका है की तुम उम्मीद करते हो कि अभी धोखे की बात आएगी पर सरलता की बात आने पर मैं ईमानदारी से हतप्रभ हो जाता हूँ। क्या तुम्हारे साथ चालाकी की जा रही है जो मैं बता नहीं रहा? क्या किताब में वैसा ही हो रहा है जैसा तुम पढ़ रहे हो? नाम लाग है, काम भी, कहने का ढंग भी, फिर धोखा… तुम बात जोहते आगे के लिखे पर ध्यान देते हो।

The search for the anchor in which I am engaged seems to indicate to me an avenue of escape, perhaps of metamorphosis, a resurrection. With a shudder I dismiss the thought that the prison is my mortal body and the escape that awaits me the separation of the soul, the beginning of a life beyond this earth.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

नयी कहानी उदास खोज है। बाहर बारिश हो रही है और तुम अभी बारिश का होना पढ़ रहे हो। कहानी में कोई रस्सी का मतलब ढूंढ रहा है।

कहानी कुछ ही देर में mystery की तरफ फिर बढ़ रही है। कोई है जिसके आस पास बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है और तुम उस साजिश का ब्योरा पढ़ते हुए आगे झुकते हो की कहानी अचानक बीच में खत्म हो जाती है।

All books continue in beyond… books are the steps of the threshold.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

This women who is always reading another book besides the one before her eyes, a book that does not yet exist, but which, since she wants it, cannot fail to exist?

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

Reading is always this : there is a thing that is there, a thing made of writing, a solid, material object, which cannot be changed, and through this thing we measure ourselves against something else that is not present, something else that belongs to the immaterial, invisible world, because it can only be thought, imagined, or because it was once and is no longer, past, lost, unattainable, in the land of the dead…

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

Reading is going towards something that is about to be, and one yet knows what it will be.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

उपन्यास में कोई कहता है कि वो ऐसा उपन्यास पढ्न चाहेगा जिसने अभी तक शक्ल न ली हो। मैं वो उपन्यास पढ़ रहा हूँ। क्या हम दूर हैं कि पास?

धोखा। और उसका खुलासा। पात्रों के साथ धोखा हुआ है। फिर वही धोखा मेरे साथ हुआ है। मेरे धोखा कहते ही तुम भी धोखा होना पढ़ रहे हो।

क्या तुम समझोगे कि आगे वाली कहानी पीछे पढ़ी तीनों कहानियों से अलग है और एक ही धागे में लिपटी हुई हैं। धोखे की आशा के बावजूद अब तुम इस maze से बाहर नहीं निकाल सकते। तुम्हारे पास आगे बढ्ने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।

The truth is we were all very young, too young for everything we were experiencing.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

I felt in harmony with the disharmony of others, myself and the world.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

Perhaps it is this story that is bridge over the voice, and as it advances it flings forward news and sensations and emotions to create a ground of upsets both collective and individual in the midst of which a path can be opened while we remained in the dark about many circumstances both historical and geographical.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

पुल की बात आते ही तुम इस कहानी को पुल के रूप में देखते हो। वो पुल जो तुम्हें मन के भीतर के छिपे पुराने किस्सों के पास ले जाता है।

कहानी खुद की कहानी सुनाती है। एक सिपाही जो विद्रोही ढूँढता है। अंत में पाता है कि वो खुद ही विद्रोही है। उसी का नाम ढूँढने उसी को भेजा गया था। spiral जो खुद में गुम है। अनंत की खाई। कहानी धोखा देती है पात्रों को। मुझे और तुम्हें बांध कर रखती है अपने भीतर। धोखा।

He sees books be born and die every day, and yet the true books for him remain others, those of the time when for him they were like messages from other worlds.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

Yet true authors remain those who for him were only a name on the jacket, a word that was part of the title, authors who had the same reality as their characters, as the places mentioned in the books, who existed and didn’t exist at the same time, like those characters and those countries.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

क्यूंकी कहानी में spiral लिखा है तो तुम्हे चारों ओर spiral दिखता है। वो कहानी असल में सच्चही नहीं थी। तुम्हारी तरह ही कहानी में कोई कहानियों के स्रोत को ढूँढता है। कौनसे सिरे में है असली बात? तुम्हें पता चलता है कि ये धोखे की कहानी है। आने वाली कहानी का पीछा करते हुए बीती कहानी से कैसे संबंध स्थापित करोगे तुम? तुम इस खेल से थोड़ा उलझन में पड़ते हो! ये क्या पढ़ रहे हो तुम? धोखे और कहानी की बात इतनी बार कही जा चुकी है कि किसी भी बात पर विश्वास करना तुम्हारे लिए कठिन है।

All I did was to accumulate past after past behind me, multiplying the pasts, and if one life was too dense and ramified and embroiled for me to bear it always with me, imagine so many lives, each with it’s own past and the pasts of the other lives that continue to become entangled with the others.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

I am producing too many stories at once because what I want is for you to feel, around the story, a saturation of other stories that I could tell and maybe will tell or who knows may already have told on some other occasion, a space full of stories that perhaps is simply my lifetime, where you can move in all directions, as in space, always finding stories that cannot be told until other stories are told first and so setting out from any moment or place, you encounter always the same density of material to be told.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

तुम्हारे साथ जो धोखा हो रहा है, वही कोई भीतर जी रहा है। उससे बड़ा दुख तब होता है जब तुम पढ़ते हो कि कहानी असल में इसके बहुत पीछे है।

और लो, तुम किसी का पीछा कर रहे थे कहानी में। और वो पीछे मुड़ता है और कहने लगता है कि तुम मुझे पढ़ रहे थे। ये मेरी कहानी है और तुम कौन हो?

One reads alone, even in another’s presence.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

Don’t believe that the book is losing sight of you, Reader. The you that was shifted to the Other Reader can, at any sentence, be addressed to you again. You are always a possible you. Who would dare sentence you to loss of the you, a catastrophe as terrible as the loss of the I.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

एक लड़का किताबों से artwork बनाता है। अब उस artwork पर किताब बनती है। वो उस किताब से artwork बनाता है। फिर उस artwork पर किताब बनती है। और ये चलता रहता है।

But how to establish the exact moment in which a story begins? Everything has already begun before, the first line of the first page of every novel refers to something that has already happened outside of the book. Or else the real story is the one that begins ten or a hundred pages further on, and everything that precedes it is only a prologue.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

How is it possible to defeat not the authors but the functions of the author, the idea that behind each book there is someone who guarantees a truth in that world of ghosts and inventions by the mere fact of having invested in it his won truth, of having identified himself with that construction of words?

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

एक और धोखा। तुम धीमे धीमे बुदबुदाते हुए पढ़ते हो कि अभी तक की पूरी कहानी में हर कहानी में जो धोखा तुम्हें मिल रहा था वो किसी की कोशिश थी कि वो खुद को बहुत बड़े धोखे से बचा ले।

Also: Achal Mishra’s Dhuin | Second Letter | Ekchaupal.com

The book should be the written counterpart of the unwritten world; it’s subject should be what does not exist and cannot exist except when written but whose absence is obscurely felt by that which exists in it’s own incompleteness.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

Only the ability to be read by a given individual proves that what is written shares in the power of writing, a power based on something that goes beyond the individual. The universe will express itself as long as somebody will be able to say, I read, therefore it writes.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

The author of every book is a fictious character whom the existent author invents to make him the author of his fictions.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

The only truth I can write is that of the instant I am living.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

The truth of literature consists only in the physicality of the act of rewriting.

If On A Winter’s Night a Traveller | Italo Calvino

We can prevent reading: but in the decree that forbids reading there will be still read something of the truth that we would with never to be read…

As long as I know there exists in the world a woman who loves reading for reading’s sake, I can convince myself that the world continues.

The book I am looking for is the one that gives the sense of the world after the end of the world, the sense that the world is the end of everything that there is in the world, that the only thing there is in the world is the end of the world.

Reading is an operation without an object, or its true object is itself. The book is an accessory aid or even a pretext.

Do you believe that every story must have a beginning and an end? The ultimate meaning to which all stories refer has two faces : the continuity of life, the inevitability of death.

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