मैंने निर्मल वर्मा की डायरी में बहुत बार Anton Chekhov का नाम पढ़ा था। वो कहते थे उन्हें बारिश के दिनों में हमेशा चेखव की कहानियाँ याद आती हैं जिनमें जीवन के बारे में एक अजीब सी उदासी होती है। और यह कितनी सही बात कही थी उन्होंने। निर्मल वर्मा को पढ़ने के बाद कुछ समय तक मेरा मन उदासीनता पढ़ने का होता था (कितना अजीब है ना यह वाक्य? क्या सच में उदासीनता को पढ़ा जा सकता है? क्या किसी ने लिखा है उसे मेरे लिए?) और बार बार ‘चेखव की कहानियाँ’ शब्द भीतर ऐसे गूँजता मानो मैं उनकी कहानियों को बहुत पहले ही पढ़ चुकी हूँ। तो मैंने यह किताब शुरू करी। इसमें उनकी सबसे मशहूर कहानियों में से एक “The Lady With The Dog” भी शामिल है।
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उनकी कहानियों के बारे में क्या कहा जा सकता है? सोचने पर लगता है कि शायद कुछ भी नहीं और बहुत कुछ। उदासी शब्द ठीक इन पर सटीक नहीं बैठता लेकिन पात्रों का जीवन इसी के आस पास कहीं घूमता है। शायद इसीलिए निर्मल वर्मा ने कहा होगा “अजीब सी उदासी”। ठीक उदासी नहीं। पर उसके जैसा कुछ। शुरआत में सारी कहानियाँ ऐसी लगती मानो एक ही कहानी की शुरुआत हों। लेकिन थोड़ा आगे चल के उनमें कुछ बदल जाता। उनके सारे पात्र हमेशा एक द्वंद की पतली रस्सी पर चलते हुए – हवा में फँसे – अपने जीवन का मतलब ढूँढते दिखाई देते। वो अपने आस पास के खाली से विचलित होकर किसी दूसरे खाली में चले जाते लेकिन वहाँ भी सब खाली पाकर फ़िर भीतर से और भी खाली हो जाते। सब के भीतर एक इच्छा की वो अपने खाली जीवन को किसी मतलब के ढाँचे में ढाल सकें। शायद यह उस वक़्त के रूसी समाज की भी एक छोटी सी झलकी है जो हमें उनके हर पात्र में देखने को मिलती है। और अंत में हमेशा एक सवाल जो सबके माथे पर लिखा रह जाता है कि जीवन में हमें जो लगता है कि हम चाहते हैं क्या उसे हम असल में चाहते हैं? हमारी चाहनाओं के बीच चलता एक निरंतर विरोधाभास जो हमें जीवन के एक ढर्रे से उठाकर दूसरे पर पटक देता है और हम थके हारे से बस घिसटते रहते हैं इस सब के बीच पीड़ा और दुख और सुख के कंकड़ बटोरते हुए।
“A Doctor’s Visit” मेरी पहली सबसे पसंदीदा कहानी है इस किताब में। हमेशा रहेगी। मेरे ख्याल से उसके जैसी कहानी कोई नहीं। है भी तो जैसी चेखव ने लिखी वैसी नहीं। और फ़िर उसके बाद “The Black Monk” और “Ionitch” कहानी। “Volodya” भी। इनके बारे में कुछ भी समझाया नहीं जा सकता। चेखव को पढ़ने का सारा मज़ा ही उनके पात्रों के भीतर की और बाहर की जटिलताओं को जीने में हैं। क्या हाथ आया क्या छूट गया का हिसाब एक वक्त बाद अपने आप छूट जाता है।
चेखव के साथ यह शुरुआत अच्छी है। वैसे उनका एक नाटक भी पढ़ा है पहले “The Seagull”। आगे उनकी कहानियाँ और पढ़ी जाएँगी। पूरी किताब ना भी पढ़ो तो जिन तीन चार कहानियों का नाम इधर लिखा है उन्हें पढ़ लेना। यह वाली सुंदर हैं। खासकर “A Doctor’s Visit”।
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“मुझे शब्द बहुत पसंद हैं।” –
Bio माँगा तो कहा कि बस इतना ही लिख दो। छोटा, सटीक और सरल। Instagram bio में खुद को किताबी कीड़ा बताती हैं और वहाँ पर किताबों के बारे मे लिखती हैं। इनको आप Medium पर भी पढ़ सकते हैं।
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