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Three Thousand Years of Longing | Tale of a Story | EkChaupal

Three Thousand Years of Longing | Tale of a Story | EkChaupal

सखी, मैंने ये फिल्म देखी। तुम्हें याद होगा तो मैंने कहा था कि ये सिनेमा हाल में देखुंगा लेकिन फिर देख नहीं पाया। और अब जाकर देखी।

सखी हमने बचपन से जादू, परी, जिन्न की कहानियाँ सुनी हैं। ये वही कहानियाँ हैं जिन्होंने हमारे बचपन को इतना सुंदर बनाया था। साथ में ये वही कहानियाँ हैं जो सीख भी देती हैं। कितनी ही बार हमने जिन्न और उसकी wish की कहानियाँ सुनी हैं। पर क्या कभी हमने जिन्न की कहानी जानने की कोशिश की है? ये फिल्म उसी बारे में है और बहुत अलग perspective से। Alithea खुद एक narratologist है यानि कहानियों की खोज बीन करने वाली। उसने हर तरीके की कहानी पढ़ रखी है उसके पीछे की कहानी पता कर रखी है। उसे पता है कहानियाँ कैसे काम करती हैं। ऐसे में जब एक जिन्न सामने आता है तो वो सीधे अपनी मांग नहीं रखती। जबकि जिन्न वही चाहता है। फिर शुरू होता है कहानियों का सिलसिला। कैसे जिन्न था, कैसे बोतल में कैद हुआ, उसकी इच्छाएँ, उसका प्रेम और क्यूँ उसे सामने वाले की मांगे पूरी ही करनी पड़ेंगी।

सखी अभी बीते हम कहानियों की अहमियत के बारे में ही बात कर रहे थे। कि असल में सारा लालच कहानी का ही तो है। लाल सिंह चड्ढा जब जरूरी लगी थी तो भी वही कारण था। कुछ तो खास कारण होगा न कि बोतल में बंद एक जिन्न जो आपकी 3 मांगें पूरी करेगा की कहानी हर culture में है और शुरुआत से सुनाई गयी है। इसमे कुछ तो होगा न? अगर हम पीछे की सारी कहानियाँ देखें तो ऐसी कहानियाँ हमेशा एक चेतावनी वाली कहानियाँ होती हैं कि जो हम असल में चाहते हैं वो पहली बात पता नहीं होता और दूसरा बहुत जल्दी मिलने के बाद की चीज़ें कभी अच्छी नहीं होती। ठीक ऐसी ही कहानियाँ हमें फिर देखने को मिलती हैं। क्यूंकी Alithea इन सब चीजों के बारे में जानती है तो वो बिलकुल जल्दी में नहीं है कि वो कोई मांग रखे। और अंत में वो कुछ ऐसा मांगती है जो जिन्न को इस दुनिया से जोड़ देता है।

उसी कहानी के बीच में एक मुस्तफा की कहानी है जो जंग में अपना दिमाग खो बैठता है। वो खून का प्यासा है। उसे कहीं चैन नहीं है। वो इतना पागल हो जाता है कि अपने भाई को मारने को तैयार हो जाता है। तब उसके सामने कहानी सुनाने वाले पेश किए जाते हैं। देश विदेश से कहानी सुनाने वाले। तरह तरह के। और उनके बीच उसे मिलता है एक कहानिवाला जो उसे हँसा पाता है। वो उसके साथ रहने लगता है। ऐसा क्या होता है कहानियों में कि एक खूंखार खून के प्यासे आदमी के आँसू निकल आते हैं कहानियों को सुनते सुनते और उसकी तलवार कहीं तहखाने में पड़ी जंग खाती रहती है। क्या कहानियाँ इस तरीके से बहुत ताकतवर नहीं?

3000 सालों से जिन्न सिर्फ एक चीज़ के लिए तरस रहा है। अगर हम जिन्न को एक कहानी के रूप में देखें तो एक कहानी क्या मांगती है? अपना सुना जाना और बस आगे बढ़ते जाना। कहानी लौट जाना चाहती है जहां से वो आई थी। तुम्हारी माँग पूरी कर। ठीक वही वो जिन्न करना चाहता है। पर वो आज के समय मे आता है। जब हम कहानियों के प्रति इतने doubtful और आतंकित हो रखे हैं। हम पुरानी कहानियाँ मिटाते जा रहे हैं नए के लालच में। हम जिन्न से माँग रहे हैं कि वो पुरानी कहानियाँ मिटा दे और नयी कहानी देकर लौट जाये। पर क्या ये ठीक है? ये फिल्म ऐसा एक सवाल बहुत बारीकी से छोड़ जाती है। क्या हाल हो रहा है हमारे आज के समय मे पुरानी कहानियों का? वो कहानियों जो कई हजारों साल से ज़िंदा है लेकिन अब एक दम से खत्म हो रही हैं। फिल्म ये भी नहीं कह रही कि कहानियों को वैसे ही बचा कर रखो जैसी वो थी… आज के लेंस से उनमें बहुत कुछ ठीक भी नहीं हो सकता है पर फिर भी उन कहानियों को फिर से बारीकी से जाँचने की जरूरत है जिससे उनको हम कहीं बचा कर रख सकें। क्यूंकी ये कहानियाँ ही हैं जो हमें बचाकर रखे हुए हैं। जो हमारा भविष्य बनाएँगी। कमसेकम मुझे तो ऐसा ही लगता है।

बाकी तुम फिल्म देखना। सुंदर फिल्म है। Idris Alba और =– ने हमेशा की तरह अच्छा काम किया है। visuals और music बहुत सुंदर है।

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