Amerika | Freedom & Theatricality

Amerika | Freedom & Theatricality

Of course, they made rapid progress, not by running but by exerting themselves to the utmost, and in reality, they may have been only crawling along.

Franz Kafka (Amerika)

Amerika एक ऐसे लड़के की कहानी है जो अपना बचपना नहीं छोड़ रहा। खूब सपने देखता है, सब पर विश्वास करता है, सबके सामने बार बार अपने आप को मासूम साबित करने की कोशिश करता है और अंत में सबके सामने झुक जाता है। इन सब में भी अपने आस पास की चीज़ों को इतने बारीक नजर से देखकर वो सपने बुनता है – आज़ादी के। पर ठीक कदम लेने से पहले कुछ ना कुछ ऐसा होता है कि वो खुद को पहले से भी ज्यादा घुटन वाली कैद में पाता है। हर बार कैद की परिधि छोटी होती जाती है।

Also: The Color Purple | Shocking & Powerful

कहानी में सब बड़ा नाटकीय है – ऐसा लगता है नाटकीयता के जरिए कुछ कहा जा रहा है। कुछ है जिसे छुआ जा सकता है पर वो छूट जाता है हाथ से, हर बार। Description इतना अद्भुत है कि सब सामने होता है पर लगता है सब अभिनय कर रहे हैं।। दृश्य में हो कुछ और रहा है- दिखता कुछ और है – कहा कुछ और जाता है। और ये अद्भुत है।

If one can steal in America, one can also tell a lie every now and then, he thought to himself by way of excuse.

Franz Kafka (Amerika)

Kafka के पात्र जितने नाटकीय हैं, उनसे ज्यादा नाटकीय है उन पात्रों के अंदर के विचार। उससे ज्यादा dramatic है सारा description, जो आस पास घट रहा है। Kafka के description इतने detail में हैं कि वो अपने आप में एक character बन जाते हैं। और फिर शुरू होती है नाटकीयता। ये कहानी नहीं – लग रहा है ये नाटक चल रहा है पर पात्रों को बिल्कुल नहीं पता है – पर वो अपनी theatricality loose नहीं कर सकते।

कुछ तो ऐसा है जिससे हम सब relate कर पाएंगे। तभी शायद पढ़ने के 3 दिन बाद भी कहानी मन से नहीं निकल रही। Amerika का मुख्य पात्र है Karl, जो Germany का migrant है और अमेरिका आया है। जर्मनी में कुछ हुआ जिसपे वो चाहता था तो रोक सकता था लेकिन अपनी कम knowledge के कारण सारा कुछ उसके हाथ से छूट गया। यहां भी यही होता है। एक तो आते ही Statue of Liberty को देखकर उसके description में वो statue के हाथ में टॉर्च की जगह तलवार बताता है। और बहुत अंत में इसका significance समझ में आएगा – कि उसके अपने हिसाब से कितना सही description था।

Here it was only those who were fortunate who truly seemed to enjoy their good fortune amid the indifferent faces on all sides.

Franz Kafka (Amerika)

बहुत subtle humour, बहुत बारीक description, और कुछ ऐसी situations जो metaphorically हम सब अपने रोजमर्रा के जीवन में महसूस करते हैं – ये Amerika के हर chapter में है। Kafka का एक एक शब्द इस तरीके से असर करेगा कि पढ़ने के बाद बहुत देर तक लगता रहेगा – हम Karl हैं।

तो अगर कुछ अच्छा और छाप छोड़ने वाला पढ़ना है। Kafka की लिखी Amerika पढ़ें।

…made such a physical impression on one’s dazzled eye that it seemed s if a glass pane, hanging over the street and covering everything, were being smashed again and again with the utmost force.

Franz Kafka (Amerika)

Franz Kafka – Amerika – Buy From Here

Also: Hamid | Beautiful & Essential

Other Colours | Culture, Politics, Books, Literature, Life & Other Things

2 responses to “Amerika | Freedom & Theatricality”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *