तो भईया, कुछ किताबें होती हैं जो करती हैं विस्फोट। ऐसा वैसा नहीं, ऐटम बॉम्ब वाला। सोच से परे कुछ मिलता है ना वो भी अच्छा वाला तो मजा आता है। खासकर जब आपके बहुत से भ्रम टूटें। तो, ये जो किताब है Sapiens, जिसके लेखक हैं Yuval Noah Harari, उन्होंने मनुष्य यानि कि Human होने से संबंधित जितने भ्रम हैं – सब तोड़ डाले हैं।
ऊपर वो इतिहास वाला quote अगर आनंद गांधी(नहीं जानते तो जानो। पलीज़। और Ship Of Theseus देखो) की बात से relate करें कि हम giants के कंधे पर खड़े होकर लंबी दूरी तक आगे और पीछे देख सकते हैं तो पीछे देखने पर जो जो मिला है ना वो विस्फोटक है।
Also: In The Mood For Love | Something Beyond Words
तो शुरू करते हैं कि –
मैंने Yuval Noah Harari की किताब Sapiens से क्या क्या विस्फोटक बातें जानी–
1. पहला भ्रम टूट कि कि हम अकेले human थे – मतलब कि Homo sapiens अकेली मनुष्य प्रजाति थी। पर भईया, कतई गलत, एक समय पर – इस पृथ्वी पर पूरी 6 प्रजातियाँ थी Humans कि – जैसे कि Homo erectus, Homo solensis और बाकी के लिए किताब पढ़ना।
2. सब कुछ अच्छा होने के बावजूद हम कल के डरते क्यूँ हैं तो – Sapiens शुरू से बड़े बड़े जानवरों से डरते आए हैं – लाखों सालों से – लाखों साल की डरने की आदत – कि कोई खा जाएगा, कल खाना मिलेगा कि नहीं – इत्यादि – अब जब लगभग सब चीजें बहुत बेहतर हैं – तब भी लाखों सालों की आदत ऐसे तो जाएगी नहीं – तो ये है हमारे सबसे खतरनाक डरों की वजह कि कल का कोई भरोसा नहीं।
3. हम Humans इतने कैसे powerful हो गए – तो दुनिया का हर जीवित प्राणी (पौधों को छोड़कर) भाषा का इस्तेमाल करता है – फिर हम क्यूँ स्पेशल हैं – क्यूंकि हम भाषा के जरिए वो भी कह सकते हैं जो इस समय नहीं है – हम भाषा की आवाजों के permutation और combination से ऐसी content density create करते हैं कि एक वाक्य में कितना कुछ कहा जा सकता है। साथ में हम नीले आसमान की वास्तविकता देखते हुए भी कह सकते हैं कि यार ये आसमान ना हरा भी हो सकता है – बाकी कोई प्राणी ये नहीं कर सकता। Basically हम objective reality के ऊपर अपनी imaginative reality superimpose कर सकते हैं। (इस वाक्य में content density बनाने की नन्ही सी कोशिश की गई है। मुस्कुराईए। पलीज़)
Also: Kafka On The Shore Quotes – Part 2
हम इसलिए सबसे शक्तिशाली प्राणी बन पाए क्यूंकि हम collective myth (imaginative reality) में विश्वास कर सकते हैं। Example- Germany में दो लोग मिलते हैं। दोनों ने आज तक ना एक दूसरे को देखा है, ना एक दूसरे के बारे में सुना है। पर मिलने पर दोनों को पता चलता है कि दोनों Australia से हैं। और दोनों को एक दूसरे के प्रति सहजता आ जाती है। Australia कहाँ है? जमीन पर बॉर्डर तो लकीर है – Australia या कह लो कोई भी state, nation एक collective myth है जिस पर सब विश्वास करते हैं। Physically exist ना करने के बाद भी वो है – उसके नियम हैं, कानून हैं, और सब उसको मानते हैं। हर टाइप का ism एक collective myth है जो exist करता है faith के कारण। दूसरा Example – Sony कंपनी कहाँ है – buildings हैं उसकी, employee हैं, पर physically कहाँ है – पर पूरी दुनिया विश्वास करती है – उस विश्वास के protection के लिए पूरी कानून व्यवस्था है। (अगर नहीं समझ आया तो किताब पढ़िएगा। आ गया तब भी।) तो collective myth हमें एक दूसरे पर विश्वास करने की सहूलियत देते हैं। उससे ग्रुप बनते हैं। 15 20 लोगों के नहीं। 10 10 million लोगों के। और वो तो सुना ही है – एकता में शक्ति होती है। दूसरे प्राणी collective reality में विश्वास करते हैं myth में नहीं। और इसका सबसे आसान और सबसे effective तरीका – कहानियाँ। (हमारे कहानियों के पीछे पागल होने की वजह। तो कहानियाँ जीवित रहने के लिए जरूरी हैं। तो पढ़ा करो। मुस्कुराईए। फिरसे।)
The difficulty lies not in telling the story, but in convincing everyone else to believe it.
Sapiens : A Brief History of Humankind
4. और फिर हमारा भ्रम कि हमारे पूर्वज प्रकृति प्रेमी थी। तो भईया – according to historical data – Homo Sapiens गए Australia में सबसे पहले आए 45000 साल पहले और अगले 5 हजार साल में Australia के 90 percent megafauna (बहुत बड़े बड़े जानवर जो वहाँ होते थे) वो extinct हो गए। New Zealand में The Maoris नाम की Homo sapiens tribe 800 साल पहले पहुंची
– और-अगली-कुछ-centuries-में वहाँ की 80 percent पक्षी की प्रजातियाँ extinct हो गईं। North America में लाखों सालों से रहते आए थे Mammoths पर 10000 साल पहले पहुंचे Humans और 4000 साल पहले आखिरी Mammoth के सबूत मिले हैं। उसके बाद नहीं। लाख सालों से जिंदा एक प्रजाति Mammoth 6000 साल में एक दम से extinct.
We believe in a particular order not because it is objectively true, but because believing in it enables us to cooperate effectively and forge a better society.
Sapiens : A Brief History of Humankind
5. Nation, religion, individualism, collectivism, etc जैसे जितने भी ism और collective identities हैं जिनके लिए हम दिन रात लड़ने मरने को तैयार हैं – उनकी history जानने के बाद जो दिमाग में ऊन-बॉम्ब वाली आवाज आएगी तो ग़ज़ब है। पढ़ना, ठीक है।
There is no God, but don’t tell that to my servant, lest he murders me at night.
Voltaire
6. Freedom actually में imaginative reality है जो हमेशा अपनी surrounding के आधार पर प्रभावित होती है।
There is no way out of the imagined order. When we break down our prison walls and run towards freedom, we are in fact running into the more spacious exercise yard of a bigger prison.
Sapiens : A Brief History of Humankind
7. इतिहास का पहला recorded नाम है Kushim – और ये नाम किसी गुरु, कवि या विजेता का नहीं है – बल्कि एक accountant का है। (Commerce वाले कतई सीना फुलाएंगे)
8.और फिर जिस चीज ने दिमाग में किया विस्फोट वो थी कि असल में पैसा – भी imaginative है –
The sum total of money in the world is about $60 trillion, yet the sum total of coins and banknotes is less than $6 trillion. More than 90 percent of all money - more than $50 trillion appearing in our accounts - exists only on computer servers.
Money is accordingly a system of mutual trust and not just any system of mutual trust: money is the most universal and most efficient system of mutual trust ever devised.
Sapiens : A Brief History of Humankind
दो लोग जो एक दूसरे के धर्म के कट्टर विरोधी हों, एक दूसरे की philosophy के कट्टर विरोधी हों – पर पैसे पर दोनों को यकीन है। दोनों विश्वास करेंगे कि एक चीज है जिसका नाम है पैसा- जिससे कुछ खरीदा या बेचा जा सकता है। पैसा भेदभाव नहीं करता – ना जाति के आधार पर, ना sex के आधार पर, ना धर्म, देश, प्रदेश, identity, culture – किसी भी चीज से भी। यहाँ तक कि दो बिल्कुल अनजान लोग एक दूसरे के काम आ सकते हैं – बिना एक दूसरे पर विश्वास किये – वो बीच कि चीज पर विश्वास करेंगे – पैसा। ना यकीन हो तो amazon से order कर लो। क्या पता कौन बेच रहा – उन्हे नहीं पता कौन खरीद रहा – बचपन क्या दो second पहले से कोई नहीं जानता – पर हम दोनों एक दूसरे के काम आएंगे – किसके through – पैसा। हाए रे पैसा।
The great discovery that launched the Scientific Revolution was the discovery that humans do not know the answers to their most important questions.
Sapiens : A Brief History of Humankind
9. 1775 में Asia world economy में 80 percent का हिस्सेदार था। India और China मिलकर global production का 2/3 हिस्सा संभालते थे। 1950 में western Europe और the United States मिलकर global production के 50% हिस्सेदार बन गए। क्यूँ? अब एक दम से जवाब मत सोचने लगना (मैंने सोचा था),- obvious जवाब को अगले पेज में तोड़ देगी ये किताब? गुलाम तो America भी था, फ़्रांस भी था, infact 70 percent world से ज्यादा गुलाम था Britain का – पर military-industrial-scientific complex एक दम से Europe और America में क्यू बढ़ा? और जवाब किताब में मिलेंगे – बहुत से भ्रम टूटेंगे।
10. ये कि इतना कुछ बताने को है कि post बहुत लंबी हो गई है। और अब भी बहुत- बहुत कुछ बाकी है।
तो भईया, दद्दा, देवी जी – अगर कुछ बहुत ग़ज़ब पढ़ना है जो इतने interesting और simple तरीके से लिखा गया है (और comedy भी डाली गई है, ग़ज़ब subtle humour का use) कि आपको ना चाहते हुए भी History में interested बना देगा। साथ में अगर जरा सा भी आस पास की चीजों को बिल्कुल नई light में देखना है – और सबसे पहले खुद के Human होने को नई light में देखना है – तो Sapiens पढ़ो। मजा, अद्भुत मजा आ जाएगा।
तो नीचे दे रहे लिंक – पैसे और amazon की imaginative reality में विश्वास करते हुए अगर मन करे तो किताब मँगा के पढ़ लें। तब तक के लिए धन्यवाद। कुछ कहना हो तो नीचे कहें।
Sapiens: A Brief History of Humankind – Buy from here
पढ़ते रहें।
Also: केदारनाथ सिंह के बारे में
The Outsider – Albert Camus | Merssault’s Absurdism
बिखेरने की आज़ादी और समेटने का सुख – लिखने की इससे बेहतर परिभाषा की खोज में निकला एक व्यक्ति। अभिनय से थककर शब्दों के बीच सोने के लिए अलसाया आदमी।
Leave a Reply