Ozymandias (ओज़ीमण्डिअस) समय के पार लिखी गयी एक कविता है। जिसे अंग्रेज़ी कवि Percy Byssce Shelley ने लिखा है।⠀
यह कविता मिस्र के एक राजा जिसका नाम कविता में Ozymandias बताया गया है; के घमण्ड और साम्राज के नष्ट होने के बारे में है। जिसे समय ने धूल-धूसरित कर दिया है।⠀
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कविता समय के यात्री और लेखक से बातचीत के बीच शुरू होती है। लेखक बताता है कि वह एक यात्री से मिला जी किसी ‘एंटीक लैंड’ से है। ‘एंटीक लैंड’ से यहाँ तात्पर्य एक ऐसी जगह से है जो बहुत पुरानी और बहुत विख्यात है। ⠀
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लेखक को यात्री एक मिस्र के राजा ओज़ीमण्डिअस (वैसे ये शेली द्वारा मिस्र के फैरो रैमसेस-2 को कविता में दिया गया ग्रीक नाम है) के खंडित मूर्ति के बारे में बताता है। जिसका धड़ और सिर वीरान रेगिस्तान में यूँ ही तितर-बितर पड़ा हुआ है। जिसे पूछने-जांचने वाला कोई भी नहीं। ⠀
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राजा की खंडित मूर्ति के नीचे लिखा है कि वो राजाओं का राजा ओज़ीमण्डिअस है और वो सभी को अपने साम्राज्य को देखने और उसकी विशालता को नापने की बात करता है और उसका बखान करता है। उसकी बातों में एक तरह का अभिमान है जो उसे एक घमंडी और निर्दयी राजा बनाती है।⠀
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अपनी यह भीमकाय मूर्ति भी उसनें अपने वर्चस्व की बखानता के लिए बनवाया होता है। जो अब समय ने नष्ट कर दिया है। जिसे अब कोई नहीं पूछता और जो अब उस वीरान रेगिस्तान में अकेले पड़े-पड़े धूल फाँक रहे हैं।⠀
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इस कविता से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। कविता हमें बताती है कि किस प्रकार बिना सोचे समझे, सिर्फ़ अपनी बखानता और वर्चस्व को अस्थापित करने के लिए किया गया अप्रत्याशित कार्य सार्थक नहीं होता और समय के साथ मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। जिसकी भयानक गंध इतिहास से लेकर भविष्य तक ऐसी फैलाती है की लोग उससे दूर भागते फिरते हैं।⠀
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राजनीतिक परिपेक्ष से भी इस कविता का बहुत महत्व है। यह कविता ग़लत राजनीतिक मुद्दों और उनके निर्णयों की तरफ़ एक इशारा है। कविता के अंत में राजा से ज़्यादा उस कारीगर को इज्ज़त दी गयी है जिसने उस मूर्ति का निर्माण किया था न कि उस राजा का जिसने निर्माण करवाया था।⠀
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भारत का इतिहास और वर्तमान भी मूर्तियों और इमारतों इत्यादि वगैरह बनाने का रहा है। जिसमें अलग अलग राजाओं द्वारा अलग अलग प्रकार के निर्माणों के बारे में हम सभी जानते हैं। इतिहास में यह काम दूसरे राजाओं को यह दिखाने के किये किया गया था की वो राजा कितना शक्तिशाली और समृद्ध है। चाहे वह मुग़ल रहे हों, गुप्ता या अंग्रेज़।
समय के साथ सभी इमारत जर्जर होकर धराशायी हो गए। और जो नहीं हुए उसके अस्तित्व के लिए लड़ाइयाँ हुयीं, मार-काट मची। उसके बाद भी जो बची रह गयी हैं वो भी समय के एक पड़ाव पर पहुँचकर धराशायी हो जाएँगी।
बचेगा तो सिर्फ़ एक कटु इतिहास जिसपर शेली जैसा कोई अन्य लेखक फिर से लिखेगा एक कविता।
तो अगर कुछ अच्छा पढ़ना है तो Ozymandias पढ़िए।
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राजनीतिक मुद्दों, कविताओं, उपन्यासों, गीत-संगीत के चमड़े का बना हुआ पदार्थ हूँ। जहाँ ये सभी मिल जाते हैं, चिपक जाता हूँ जाकर। लिखने- पढ़ने में खास रुचि है। आधा इंजीनियर, फुल ग्रैजुएट हूँ। बाकी सब इस quote से समझिए-
“समस्त विचारधारा से अलग, एक जर्जर मकान है मेरा
जिसकी छत से टपकती रहती हैं, संवेदनाएँ। “
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