आधे- अधूरे | मोहन राकेश | नाटक | आधे-  अधूरे… हम सब की तरह |

आधे- अधूरे | मोहन राकेश | नाटक | आधे- अधूरे… हम सब की तरह |

एक घर, उसमें रहने वाले कुछ लोग और उनकी ज़िंदगी के इर्द गिर्द घूमते संवाद। संक्षेप में तो यह नाटक यही है। परंतु क्या सच में यह नाटक भी इस पंक्ति के जितना ही सतही है? या कुछ और भी है इस नाटक में जो थोड़ा गहरा है, जिसे इन कुछ शब्दों से नहीं समझाया जा सकता है।

Scent of A Woman | Pure Al Pacino Movie

Scent of A Woman | Pure Al Pacino Movie

Acting ग़ज़ब art है! क्यूँ? क्यूंकि एक actor झूठ बोल कर हमें महसूस करवाता है कि जो हमारे सामने हो रहा है वो सच है और उसी के साथ हो रहा है। वो झूठ को इतने अच्छे तरीके से झूठ बोल रहा है कि हमें सच लगने लगता है। और कुछ actors होते हैं जिनकी acting आपको हिला कर रख देती है। It’s perfect example is Scent of a Woman.