Manoj Muntashir Top New Lines | Meri Fitrat Hai Mastana
Manoj Muntashir (मनोज मुंतशिर) को कौन नहीं जानता!! तेरी मिट्टी जैसे गाने के बाद उनका नाम शोहरत की बुलंदिया छूने लगा। उनकी किताब आई थी ‘मेरी फितरत है मस्ताना’।
Manoj Muntashir (मनोज मुंतशिर) को कौन नहीं जानता!! तेरी मिट्टी जैसे गाने के बाद उनका नाम शोहरत की बुलंदिया छूने लगा। उनकी किताब आई थी ‘मेरी फितरत है मस्ताना’।
The Book of Questions, Pablo Neruda की किताब है जिसमें उन्होंने 316 poetic सवाल पूछे हैं। अपने में उलझे, अपने में ही सुलझे, ये सवाल कुछ अलग ही कहते हैं। उसी किताब में से कुछ जादुई सवाल यहाँ पेश हैं।
इस कविता से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। कविता हमें बताती है कि किस प्रकार बिना सोचे समझे, सिर्फ़ अपनी बखानता और वर्चस्व को अस्थापित करने के लिए किया गया अप्रत्याशित कार्य सार्थक नहीं होता और समय के साथ मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। जिसकी भयानक गंध इतिहास से लेकर भविष्य तक ऐसी फैलाती है की लोग उससे दूर भागते फिरते हैं।⠀
पृथ्वी पर
पानी के भविष्य के बारे में सोचना है
बुद्ध के बारे में सोचना…
लोग या तो कृपा करते हैं या खुशामद करते हैं
लोग या तो ईर्ष्या करते हैं या चुगली खाते हैं
लोग या तो शिष्टाचार करते हैं या खिसियाते हैं
लोग या तो पश्चात्ताप करते हैं या घिघियाते हैं
न कोई तारीफ़ करता है न कोई बुराई करता है
न कोई हँसता है न कोई रोता है
न कोई प्यार करता है न कोई नफरत
लोग या तो दया करते हैं या घमण्ड
दुनिया एक फँफुदियायी हुई-चीज़ हो गयी है।
नहीं कृष्ण की,
नहीं राम की,
नहीं भीम, सहदेव, नकुल की,
नहीं पार्थ की,
नहीं राव की, नहीं रंक की..
नहीं तेग, तलवार, धर्म की
नहीं किसी की, नहीं किसी की
घरती है केवल किसान की।
और वह प्रेमिका
जिसका मुझे पहला धोखा हुआ था
मिल जाए तो उसका खून कर दूँ!
मिलती भी है, मगर
कभी मित्र
कभी माँ
कभी बहन की तरह
तो प्यार का घूंट पीकर रह जाता।
देश पर मैं गर्व करने को कहता हूँ
उनसे जो अमीर हैं बड़े स्कूलों में पढ़े हैं
पर उन्हें गर्व नहीं है
गर्व है भूखे-प्यासे अधपढे लोगों में
राष्ट्रीय गौरव रह गया है अन्तरराष्ट्रीय राजनीति में
मोहरा बनकर
पड़ोसी को हराने में, यह गर्व मिटता है
यदि पड़ोसी और हमारी जनता की दोस्ती बढ़ती है
बड़े देशों की राजनीति करने के लिए अपनी जनता को
तनाव में रखना पड़ता है
Piyush Mishra जी को सभी जानते हैं। जिन्होंने भी गुलाल और Gangs of Wasseypur देखी है वो जानते होंगे। वो बहुत ही उम्दा अभिनेता और लेखक हैं। खासकर कविता और गीतों के। उनके गीत आपने जरूर भूले बिसरे गुनगुनाएँ होंगे। चाहें वो आरंभ हो प्रचंड हो या एक बगल में चाँद होगा, एक बगल में…
सविनय निवेदन है प्रभु(राम) कि लौट जाओ
किसी पुराण – किसी धर्मग्रंथ में
सकुशल सपत्नीक…
अबके जंगल वो जंगल नहीं
जिनमें घूमा करते थे वाल्मीक!