दूधनाथ सिंह | युवा खुशबू और अन्य कविताएँ – Review | Part-1
उसने मेरी आँखों में छिपी वह गहरी दरार देख ली और अंदर प्रवेश कर गई।
– कविता – युवा खुशबू
उसने मेरी आँखों में छिपी वह गहरी दरार देख ली और अंदर प्रवेश कर गई।
– कविता – युवा खुशबू
Special ops का ट्रेलर तो सबने देख ही लिया होगा (नहीं देखा तो यहाँ देख लो) और कइयों ने तारीफ भी की होगी। हो सकता है कई लोगों ने पूरी सीरीज भी देख ली हो पर हम बता रहे हैं बेस्ट moments जो कतई गजब है। तो ये रहे-
मुनव्वर राणा जी और उनके top 10 शेर मुनव्वर राणा जी इक्कीसवी सदी के लोकप्रिय शायर है, जिन्होंने अपनी जिंदगी के बहुत वर्ष हिंदी उर्दू शायरी की तरबियत की है। आपकी शायरी में जीवन जीने की कला और मात्र पितृ भक्ति बहुत अहम रूप से प्रकाशित की गई है। समाज के लिए आपकी शायरी सीख…
“रात की चिड़िया सबसे पहले
उन सितारों को
चुगती है,
जो मेरी आत्मा से फूटते हैं,
जब जब मैं तुमसे प्रेम करता हूँ। “
वक्त बीतते-बीतते निचोड़ता चलता है एक बाल्टी तुमको। बाहर आँगन में जो कपड़े सूख रहे हैं-मेरे पुराने कपड़े-वे तुम्हारी याद का पानी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। कुछ पुराने कपड़े जो वड़ी कोशिशों के बाद सुखा चुका है, वे भी बड़े जिद्दी निकले।
जीवित पात्र! नाटक में जीवन जैसा है वैसा नहीं बल्कि ‘जैसा होना चाहिए’ वैसा दिखाना होता है; सपनों वाला जीवन।