विनोद कुमार शुक्ल- कविता से लंबी कविता | Review | Top 10 बिम्ब

विनोद कुमार शुक्ल की किताब कविता से लंबी कविता के Top 10 बिम्ब

विनोद कुमार शुक्ल की रचनाएँ सपनों जैसे बिंबों यानि कि images से भरी पड़ी हैं। यहाँ पर उनकी किताब कविता से लंबी कविता के top 10 बिम्ब दे रहा हूँ – 

कविता से लंबी कविता पढ़ने के Top 10 कारण को पढिए

1. हरा भरा बिम्ब

हरे भरे पेड़ को 
हरा भरा पेड़ सोचने का
अभ्यास होना ज़रूरी है 

2. आसमान का अद्भुत बिम्ब

आसमान छुट्टा 
पता नहीं किसने छोड़ा
जुगाली करता हुआ पसरा
सारी दुनिया की हरियाली में

3. आला या जेब

कमरे की दीवाल में 
जो आला है
वह दीवाल की जेब है
उसमें कमरे का ताला, चाबी,
एक मोमबत्ती और माचिस
महीनों से रखा हुआ
एक दस पैसे का सिक्का है
जेब में दाढ़ी बनाने की सस्ती ब्लैड मिल जाने से
मेरा दोस्त जेबकतरे की तरह पिट रहा है घटनाक्रम में
उस दुकान में
जिसकी दीवाल में
तिजोरी जेब है !

4. पाँच मिनट बाद का बिम्ब

पाँच मिनट बाद खिड़की खोलने पर 
वही खड़ा हुआ दृश्य,
खड़े हुए दृश्य में
गुजरते हुए लोग
कि उस पेड़ के पास
अब कोई आदमी नहीं
जैसे वह जान-बूझकर पेड़ छोड़कर
चला गया कहीं
लेकिन पाँच मिनट बाद वाला पेड़।

5. जीवित होने की लालसा का बिम्ब

कि तालाब की सूखी गहराई के बीच 
मैं भी तालाब का कोई छोटा - सा जीवित विचार दिखूँ

6. जमीनी हकीकत का बिम्ब

जमीन के अनुपात से 
आकाश को गिद्ध कहूँ

7. मजदूर का बिम्ब

कि अपनी ही मजबूरी की मजदूरी का 
ग़रीबी अपने में एक बड़ा घेरा।

8. जेब के भार का बिम्ब

अपनी तलाशी लेते समय 
जेब में हाथ डालता हूँ
तो उसमें पहले से घुसा
कोई और हाथ
जेब के अंदर
मुझसे हाथ मिलाता है
कि मैं गिरफ्त में !!

9. कविता का बिम्ब

अपनी तलाशी लेते 
मैं एक नई कविता शुरू करता
तो वह हजारों कविता की प्रष्ठभूमि
तैयार कर देता है

10. शोर का बिम्ब

मैं कुछ भी नहीं कहता 
कोई कुछ नहीं कहता
तब भी सब सुनते हैं।
विनोद कुमार शुक्ल को और पढ़ने के लिए – कविता से लंबी कविता पढ़ने के Top 10 कारण

ऐसे ही और images के लिए विनोद कुमार शुक्ल के संसार में घुसिए। और किसी ने कहा है कि “जंगल में कहीं से भी घुसा जा सकता है” । तो उसी का एक रास्ता ये रहा –

कविता से लंबी कविता 
ये भी देखिए-
कविता से लंबी कविता पढ़ने के Top 10 कारण

दूधनाथ सिंह की किताब युवा खुशबू और अन्य कविताएँ पढ़ने के कारण – part 1 

दूधनाथ सिंह की किताब युवा खुशबू और अन्य कविताएँ पढ़ने के कारण – part 2 

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